दिवेर का युद्ध – एक युग प्रवर्तक संग्राम का विस्मरण
दिवेर के स्मारक पर महाराणा प्रताप के चरणों में लेखक ।
वैसे तो हिन्दुओं की सामूहिक चेतना में दिवेर नाम के स्थान का कोई बोध ही नहीं है , …
दिवेर के स्मारक पर महाराणा प्रताप के चरणों में लेखक ।
वैसे तो हिन्दुओं की सामूहिक चेतना में दिवेर नाम के स्थान का कोई बोध ही नहीं है , …
हिन्दुत्व एक धार्मिक प्रतिरोध
भविष्यकाल, विभिन्न प्रकार से, एक गहन एवं प्रचंड युद्ध होगा सभी धार्मिक शक्तियों का उन शक्तियों के विरुद्ध जो धर्म को भ्रष्ट एवं नष्ट करने की धमकी …
प्रतीक एवं उसका सार
यह संवाद एक ऋषि एवं उनके तीन शिष्यों के मध्य पुरातन काल के एक आश्रम में हुआ था। ऋषिवर अपने युवा शिष्यों को श्री गणेश के रहस्य की …
“हिंदू धर्म… ने स्वयं को कोई नाम नहीं दिया, क्योंकि हिन्दू संस्कृति ने अपने लिए कोई सांप्रदायिक सीमाएं नहीं रखी; विश्व से अपने अनुसरण की कोई माँग नहीं रखी, किसी …
सनातन धर्म पर आधारित, मूल भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान की ओर
भारत में राजनीतिक एवं सांस्कृतिक धारणाएँ परिवर्तित हो रही है – जिसके संकेत तथा लक्षण हर ओर हैं। उभरते …
15 अगस्त, 1947 के लिए महर्षि अरविन्द ने यह कहा था – “भारत को केवल राजनैतिक स्वतन्त्रता प्राप्त हुई है । भारत को आध्यात्मिक रूप से अभी स्वतन्त्र होना है …
महादेव शिव
नित्यता के श्वेत शिखर पर विराजमान
विवृत अनन्ताओं की अद्वितीय आत्मा,
सदासतर्क शांतिरूपी अग्नि-आवरण धारी
नग्न परमानंद की शिव की गुह्य एकांत
(शिव, महाऋषि अरविंद की आंग्लभाषा में रचित कविता)
शिव, …
आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी,
मैं भारतीय नागरिक नहीं हूं, लेकिन मैं भारत का सम्मान करती हूं और मेरी इच्छा है कि इसकी संस्कृति …
गुरु वह है जो स्वयं हमें अज्ञान एवं अवचेतन के अंधकार से सत्य एवं अमरत्व के अंतहीन प्रकाश की ओर ले जाता है। गुरु उसी प्रकार हमारी आत्मा का पोषण …
श्रद्धाशक्ति तथा भविष्य निर्माण
कुछ ऐसे व्यक्ति होते हैं जो वर्तमान के अपने अस्तित्व और कर्मों के प्रति सतत असंतुष्टि की अनुभूति करते हैं। ऐसे व्यक्ति अथवा व्यक्तित्व का बोध आप …